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ओझौती जारी है / विहाग वैभव
Kavita Kosh से
तपते तवे पर डिग्रियाँ रखकर
जवान लड़के जोर से चिल्लाए — रोज़गार
बिखरे चेहरे वाली अधनंगी लड़की ने
हवा में ख़ून सनी सलवार लहराई बदहवास
और रोकर चीख़ी — न्याय
मोहर लगे बोरे को लालच से देख
हँसिया जड़े हाथों को जोड़
किसान गिड़गिड़ाए — अ.. अ..अन्न
उस सफ़ेद कुर्ते वाले मोटे आदमी ने
योजना भर राख दे मारी इनके मुँह पर
और मुस्कुराकर कहा — भभूत ।