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ओळमो किणनै ? / मदन गोपाल लढ़ा
Kavita Kosh से
भोत उंतावळो
बदळ रैयो है बगत
आप उण सूं ई
उंतावळा बदळणो चावो।
बदळतै जुग में
आपने फिकर है
कठैई बगत आगै नीं भाज जावै
आपनै लारै छोड‘र
कदी -कदास
आप पण
बगत नै लारै छोडणै री
मन में तेवडो।
बगत रै सागै
होङ मांय
जे आपरी जिंदगाणी
घूम-चक्करी बण जावै
तो ओळमो किणनै ??