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ओळ्यूं-13 / पूर्ण शर्मा पूरण
Kavita Kosh से
ढळती किरत्यां
कोई तेजौ गावै
'टिहू-टिहू` टिटूड़ी
किंण ई नै बुलावै
पूरब मांय भाग पाटती
झिझकै
आभै रै पटपड़ै
पसेवौ चूअ आवै
इस्यै मांय लागै
स्यात... थूं आवै।