ओ गोरी ओ छोरी कहाँ चली हो / मोती बी.ए.
ओ गोरी ओ छोरी कहाँ चली हो कहाँ चली हो
मैं हूँ चली अपने साजन की गली हो साजन की गली हो
छम छम छम बाजे तोरी पाँव की पयलिया
पलकों की ओट शर्माई हुई अँखियाँ
धड़के है छतियाँ
कौन अलबेले की भाग जगी हो खूब सजी हो
मैं हूँ चली अपने साजन की गली हो साजन की गली हो
ओ गोरी ओ छोरी कहाँ चली हो कहाँ चली हो
मैं हूँ चली अपने साजन की गली हो साजन की गली हो
दिल की ख़ुशी गोरी हमसे छुपाओ ना
अपने दिल की बात ज़रा हमें भी बताओ ना
हटो जी सताओ ना
साजन के दिल की मैं दुनिया बसाउँगी
उनकी बनूँगी उन्हें अपन बनाऊँगी
उनपे दिल लुटाउँगी
दो दिलों के मिलने को रात भली हो रात भली हो
मैं हूँ चली अपने साजन की गली हो साजन की गली हो
ओ गोरी ओ छोरी कहाँ चली हो कहाँ चली हो
मैं हूँ चली अपने साजन की गली हो साजन की गली हो