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ओ नीली छतरीवाली / रामगोपाल 'रुद्र'
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ओ नीली छतरीवाली जादूगरनी!
तेरे आगे दुनिया का जादू मात!
जब दिन निकले, तब कहीं कुछ नहीं, लेकिन
रजनी निकले तो तारों की बारात!