ओ प्रजातन्त्र ! तुम्हारे लिए / वाल्ट ह्विटमैन / दिनेश्वर प्रसाद
आओ, मैं इस महाद्वीप को अविघटनीय बना दूँगा,
मैं ऐसी सर्वाधिक गौरवशाली जाति का निर्माण करूँगा,
जिस पर पहले कभी सूर्य नहीं चमका होगा,
मैं दिव्य चुम्बकीय देशों की रचना करूँगा,
साथियों के प्रेम के सहयोग से,
साथियों के आजीवन प्रेम के सहयोग से ।
मैं अमेरिका की सभी नदियों के समानान्तर और विशाल झीलों के तटों के
समानान्तर और सभी विस्तृत घास मैदानों पर वृक्षों की तरह सघन मैत्री रोपूँगा;
मैं एक दूसरे के गले में लिपटी उसकी बाँहों के द्वारा अविच्छेद्य नगर बनाऊँगा,
साथियों के प्रेम के द्वारा साथियों के
पौरुषमय प्रेम के द्वारा ।
यह सब मेरी ओर से तुम्हारे लिए ओ प्रजातन्त्र ! तुम्हारी सेवा करने मेरी पत्नी !
मैं तुम्हारे लिए इन गीतों की गिटकिरी गा रहा हूँ ।
(इस कविता में प्रजातन्त्र की परिकल्पना स्त्री के रूप में की गई है।)
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : दिनेश्वर प्रसाद
लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
Walt Whitman
For You O Democracy
Come, I will make the continent indissoluble,
I will make the most splendid race the sun ever shone upon,
I will make divine magnetic lands,
With the love of comrades,
With the life-long love of comrades.
I will plant companionship thick as trees along all the rivers of America, and along the shores of the great lakes, and all over the prairies,
I will make inseparable cities with their arms about each other’s necks,
By the love of comrades,
By the manly love of comrades.
For you these from me, O Democracy, to serve you ma femme!
For you, for you I am trilling these songs.