Last modified on 26 अप्रैल 2011, at 15:20

ओ म्हारे नाथ सुण मेरी बात / हरियाणवी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ओ म्हारे नाथ सुण मेरी बात
या चन्द्रकिरण जोगी तनै
तन मन धन तै चाह्वै सै
नीच्चे नें कमंद लटका दी चढ़ ज्या
क्यों वार लगावै सै


मनै साँची साँची बात बता दी
न्यूँ दिल में धर ल्यूँ
ओ नये नाथ तनै वर ल्यूँ
मैं तेरे तै गंधर्व ब्याह कर ल्यूँ
मेरे जी में आवै सै
नीच्चे नें कमंद लटका दी चढ़ ज्या
क्यों वार लगावै सै...