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ओ री निंदिया आना तू / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
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ओ री निंदिया आना तू, दूध बताशे लाना तू
मुनुओं को सुलाना तू, गुनगुन गीत सुनाना तू
मीठी नींद सुलाना तू, ओ री निंदिया आना तू
रात की रानी महक रही, रजनीगंधा फूल रही
बेला भी अब फूलेगा, देख चमेली महक रही
पायल पहन के आना, तू छम-छम करती आना तू
ओरी निंदिया आना तू