(ओ हँसनी मेरी हँसनी, कहाँ उड़ चली
मेरे अरमानो के पँख लगाके, कहाँ उड़ चली)\- २
(आजा मेरी साँसों मैं महक रहा रे तेरा गजरा
ओ आजा मेरी रातों मैं लहक रहा रे तेरा कजरा)\- २
ओ हँसनी ... मेरी हँसनी, कहाँ उड़ चली,
मेरे अरमानो के पँख लगाके, कहाँ उड़ चली
(देर से लहरों मैं कमल सम्भाले हुए मन का
जीवन टाल मैं भटक रहा रे तेरा हँसा)\- २
ओ हँसनी ... मेरी हँसनी, कहाँ उड़ चली,
मेरे अरमानो के पँख लगाके, कहाँ उड़ चली
कहाँ उड़ चली कहाँ उड़ चली ...