औरत
तूने कभी सोचा है
जिस परिधि ने तुझको घेर रखा है
उसकी केंद्र बिंदु तो तू ही है
तू कहे अनकहे का हिसाब मत रख
किए न किए कि शिकायत भी मत कर
तू धरा है धारण कर
दरक मत
तू परिधि से नहीं
परिधि तुझसे है
औरत
तूने कभी सोचा है
जिस परिधि ने तुझको घेर रखा है
उसकी केंद्र बिंदु तो तू ही है
तू कहे अनकहे का हिसाब मत रख
किए न किए कि शिकायत भी मत कर
तू धरा है धारण कर
दरक मत
तू परिधि से नहीं
परिधि तुझसे है