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और अब / अभिमन्यु अनत

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'जाय दे' कहकर तुमने
विभीषण को जाने दिया
'आय दे' कहकर तुमने
जयचन्द को आने दिया
'छोड़ दे' कहकर अब तुम
छुड़ाना चाह रहे
जकड़ी हुई अपनी गरदन को ।