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और तुम / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल

मैं लिखती रही
धरती
आकाश
हवा
पानी
आग
सब पर
तुम्हारा नाम
और तुम
मिटाते रहे
मिटाते रहे
मिटाते रहे ...।