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औषधि / ध्रुव शुक्ल
Kavita Kosh से
शब्द औषधि हैं
जब लोग मरने लगता है
कविता सुनने की इच्छा करते हैं
फिर नहीं उठेंगे
ऎसे गहरे सोते जाते
सुनते नहीं अघाते शब्द
शब्द को करते आत्मसात
चौपाई दोहे छन्द
मरने का साहस जीवित उनमें
यह अखण्ड विश्वास
और जन्म में
इस कविता का अर्थ खुलेगा