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कई दिन से जी है बेकल / राजा मेंहदी अली खान
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कई दिन से जी है बेकल
ए दिल की लगन अब ले चल
मुझे भी वहा मेरे पिया है जहा
बिछड़ी नज़र नज़र से तो बेचैन हो गयी
आइसे लगा के जैसे कोई चीज़ खो गयी
अब उनके बिना हु आइसे
जैसे नैना बिन काजल
कई दिन से...
आती है उनके प्यार की मौजे मचल-मचल
कब तक कहूगी दिल से मै अपने संभल-संभल
जा देस पिया के उद्द जा तू मन के पंछी घायल
कई दिन से...
आई जो उनकी याद तो सांसे महक गयी
आंखो मे बिजलिया सी हज़ारो चमक गयी
जिस और उठी ये नज़रे लहराई प्यार के बादल
कई दिन से...