मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कउने बाबू के मड़वा लगल फुलवरिया हे।
कउने देइ<ref>देवी</ref> के कोहबर नाचहइ<ref>नाच रहा है</ref> मलहोरिया<ref>माली</ref> हे।
आजु सुदिनमा दिनमा नाचइ मलहोरिया हे॥1॥
शब्दार्थ
<references/>कउने बाबू के मड़वा लगल फुलवरिया हे।
कउने देइ<ref>देवी</ref> के कोहबर नाचहइ<ref>नाच रहा है</ref> मलहोरिया<ref>माली</ref> हे।
आजु सुदिनमा दिनमा नाचइ मलहोरिया हे॥1॥