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कजकुलाही से न मतलब रेशमी शालों से है / ‘अना’ क़ासमी

कजकुलाही से, न मतलब रेशमी शालों से है,
दोस्ताना यार मेरा सिर्फ़ मतवालों से है।

शायरी का शौक़ तो ताज़ा है लेकिन दोस्तो,
सिलसिला तो हुस्नवालों से मिरा सालों से है।

उड़ के जाएगा भला वो जंगली पंछी कहाँ,
जिसकी सिरयानों में खुशबू आम की डालों से है।

परकटे पंछी चमन में रेंगते से देखकर,
जाने क्यों इक ख़ौफ़ सा हरदम तिरे बालों से है।

हम के तज दी ज़िन्दगी तक उस परी पैकर के नाम,
फिर भी उसको बैर सा हम चाहने वालों से है।