Last modified on 29 अगस्त 2013, at 15:37

कठवा के नय्या बनइहे रे मलहवा / मोती बी.ए.

कठवा के नय्या बनइहे रे मलहवा
नदिया के पार दे उतार
अहा अहा हा छपक छपक चले
ओ छपक छपक चले तोरी नय्या रे मलहवा
आई पुरवाइ के बहार
अहा अहा हा

नदिया किनारे तोरी
अंखियाँ से अंखियाँ मोरी
मिली हो सँवरिया
नय्या लिये जाये तोहे
कछु न सुहाय मोहे
तरसे नजरिया हो तरसे नजरिया
राम जी लगइन पार हो राम जी लगइन पार
ओ हो हो

कठवा के नय्या बनइहे रे मलहवा
नदिया के पार दे उतार
अहा अहा हा
छपक छपक चले
ओ छपक छपक चले तोरी नय्या रे मलहवा
आई पुरवाइ के बहार
अहा अहा हा

नदिया के पार गोरी नदिया के पार
हो नदिया के पार गोरी देखे मोहे चोरी चोरी
मारे हो नजरिया
जियरा के बीच बसे अखियाँ के बीच हँसे
गोरी की सुरतिया हो गोरी की सुरतिया
हमको है आसरा तोहार हो हमको है आसरा तोहार

कठवा के नय्या बनइहे रे मलहवा
नदिया के पार दे उतार
अहा अहा हा
छपक छपक चले
ओ छपक छपक चले तोरी नय्या रे मलहवा
आई पुरवाइ के बहार
ए हो परदेसिया मोरे मनबसिया
ए हो परदेसिया
ए हो परदेसिया मोरे मनबसिया
भूल मत जइयो
नदिया किनारे कभी जब याद तभी
चुपके से अइहो राजा चुपके से अइहो
आऊँगी कर के सिंगार ओ आऊँगी कर के सिंगार

कठवा के नय्या बनइहे रे मलहवा
नदिया के पार दे उतार
छपक छपक चले
ओ छपक छपक चले तोरी नय्या रे मलहवा
आई पुरवाइ के बहार