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कते जल बहै छै मेया कमोॅहे-लेसरी / अंगिका

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कते जल बहै छै मेया कमऽहे-लेसरी
हे कते जल बहै छै कोसी धार
ठेहुना जल बहैयै मैया कमलेसरी हे
अगमे जल बहे कोसी धार
से हे अगम जल
कहमां नहैले कोसी माय
कहाँ लट झारले
कहमां कैले सोलहो सिंगार
बराछतर से अइले माय कोसिका बाटहि नहैले
गहबर कैले सोलहो सिंगार
जीरबा सन के दँतबा गे कोसीमाय
सिहारी फाड़ल माथ हे
चानन काटि मैया
खाट देबौ घोराय गे सोना से
डँड़बा देबौ छराय गे सोना से
अगिया लगेबौ रे सेवक तोर डँरकस
रानू सरदार छिये हमर लोग ।