भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कथिएक पात झीलिम झारै छै रओ संगीतबा / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कथिएक पात झीलिम झारै छै रओ संगीतबा
कि कथिएक पात लम्बी फेर
कथी केर पात नाचै छौंड़ी कसबिनियां रओ
कि कौने नगर भेलै शोर?
पीपर के पात झीलिम झारै छै रओ संगीतबा
कि बँसबा के गाछ लम्बी पोर
पुरैनिक पात नाचै छौंड़ी कसबिनियां रओ
कि फल्लां नगर भय गेलै शोर।