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कथिलेॅ केॅ शिवोॅ केॅ / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'

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कथिलेॅ केॅ शिवोॅ केॅ मनैवै हे शिव मानै छै नहियें।
लड्डू, टिकरी बाबा तनिकोॅ नै चाहै
भांग-धतूरा कहाँ सें लानवै हे शिव मानै छै नहियें।
हाथी-घोड़ा सवारी शिवकेॅ नै चाहियो
बसहा बरद कहाँ से लानवै हे शिव मानै छै नहियें
महल अटारी शिवोॅ केॅ नहियें भावै
कुशोॅ के झोपड़ी कैसें बनैवे हे शिव मानै छै नहियें
बेली-चमेली शिव केॅ मनुहुँ न भावै
बेल पत्तर कहाँ से लानवै हे, शिव मानै छै नहियें।
कथि लेॅकेॅ...