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कथी लय प्रीत लगेलें रे जोगिया / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कथी लय प्रीत लगेलें रे जोगिया, प्रीत लगेने चल जाय
तोरा हाथक पान सपन भेल रे जोगिया, तोरा बिनु रहलो ने जाय
आंगन तोरा बिनु बिजुवन रे जोगिया, घर लागय सुन्न-अन्हार
आरे सूतक पलंग विषम भेल रे जोगिया, निन्दिया मोहि ने सोहाय
भनहि विद्यापति सुनू हे सखि सभ, हुनि बिनु रहलो ने जाय