कन्या को आज बचाना है।
उसका अधिकार दिलाना है॥
बेटे बेटी का भेद भुला
सबको समान अपनाना है॥
यदि मिटा दिया कन्याओं को
जग का विनाश हो जाना है॥
ममता की मूर्ति स्नेह सम्बल
नारी का मान बढ़ाना है॥
अपनी आधी आबादी को
मानव ने कब पहचाना है॥
इस स्वार्थ भरे जग में जैसे
कन्या का नहीं ठिकाना है॥
जीवन जो दिया करें सबको
संघर्ष ज़िन्दगी पाना है॥