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कभी दिल से दिल तुम मिला कर / राजश्री गौड़
Kavita Kosh से
कभी दिल से दिल तुम मिला कर तो देखो।
मुहब्बत की दुनिया बसा कर तो देखो।
है क़ुर्बान तुम पर दिलो-जान मेरे,
कभी तुम मुझे आजमा कर देखो।
ये भर जायेंगे ज़ख़्म दिल के तुम्हारे,
तुम आँखों के मोती लुटाकर तो देखो।
सँवर जायेंगी राहें तन्हा तुम्हारी,
मुझे अपने दिल में बसा कर तो देखो।
बुझा देगा जन्मों की तशनालबी को,
ये जामे-मुहब्बत पिला कर तो देखो।
चले आयेंगे छोड़ कर हम जमाना,
तुम आवाज मुझको लगा कर तो देखो।
हर इक दर्द मिट जायेगा एक पल में,
लगे चोट जब मुस्करा कर तो देखो।
हंसीं होंगे सारे मनाजिर जहाँ में
तुम अपनी शिकायत भुला कर तो देखो।