कुछ लोग हैं
जो मेरे मित्र हो सकते थे
पर मैं उनके स्वार्थ में
शरीक नहीं हो सका।
कुछ सुख हैं
जिन्हें मैं आसानी से पा सकता था
पर जिनके लिए मैं अपना
निजत्व नहीं खो सका।
पर यह तो कमज़ोरी है
जो मेरी है
जिसे समय का गंगाजल भी
नहीं धो सका।
और भी बहुत से कुछ हैं
जिनके कारण
दुनिया दम तोड़ रही है
और मेरी कमज़ोरी मुझे
करोड़ों की भीड़ में
अकेला छोड़ रही है।