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कमाऊ / रामस्वरूप किसान
Kavita Kosh से
आजकल म्हैं
भौत काम करूं
जोड़ायत रै
छोटै-छोटै
सपनां री
कतल करूं
उण री
मरूभौम आंख्यां में
अभाव रा ठूंठ जोवूं
टाबरां री तार-तार नीकरां में
भविख रौ गणित काढूं
मांगतोड़ा सारू
नुवां नुवां उळावा सोधूं
आजकाल म्हैं भोत खपूं-
छिन-छिन रै
जीवणै सारू
जिग्यां बणावूं अर
छिन-छिन रै
सोरै सांसां रौ
मौल कूंतूं
आजकाल म्हैं भौत खपूं।