भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कम्प्युटर / संजय अलंग
Kavita Kosh से
बनाई एक मशीन
बड़ा गजब है, यह सीन
की-बोर्ड से आदेश बनवाया
माउस से आदेश दिलवाया
शेर को करता माउस कंट्रोल
अजब-गजब है उसका रोल
सी.पी.यु. ने दिमाग चलाया
स्क्रीन पर उत्तर ले आया
देख चकित हैं बड़े सयान
जो नहीं होते हैं नादान
काश उन्हे नादानी आती
पूरी दुनिया भोली बन जाती
आग से मिठाई बनाते
नहीं घर किसी का जलाते
ग़र कम्प्युटर से इसका उत्तर मंगवाते
हल जो इसका मिल जाता
गणपति को भी यह खूब भाता
फिर माउस ले धरती घूम आते
नहीं अबकी चतुराई दिखलाते
अब लगती धरती सुन्दर
अमन चैन लाता जो कम्प्युटर
लाओगे तुम ही इसको
डर कर कहीं न खिसकों