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कयास / ॠतुप्रिया
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मुसाणां में
दाग स्यूं पैली
राखै चूंतरै माथै
पछै मुंडौ उघाड़’र
सगळा निरखै
अर बारी-बारी
लगावै कयास
कै स्यात
आंवता हुयसी सांस।