करनी होगी बड़ी लड़ाई / दीनानाथ सुमित्र
करनी होगी बड़ी लड़ाई
पूरी बस्ती है हरजाई
धारा तेज रखो जीवन में
वरना जम जाएगी काई
सदियों से शोषित पीड़ित हम
कड़ी धूप में जलते आए
आधी रोटी और नमक पर
अब तक हम सब पलते आए
हमने मार बहुत है खाई
उस पर आग नहीं बरसाई
करनी होगी बड़ी लड़ाई
पूरी बस्ती है हरजाई
धारा तेज रखो जीवन में
वरना जम जाएगी काई
सुबह उसी की शाम उसी की
अपनी केवल रात अँधेरी
उनके हिस्से सुख का पर्वत
अपने हिस्से दुख की ढेरी
अपनी जान सदा तड़पाई
चाही हमने नहीं रुखाई
करनी होगी बड़ी लड़ाई
पूरी बस्ती है हरजाई
धारा तेज रखो जीवन में
वरना जम जाएगी काई
अब न रुकेंगे अब न झुकेंगे
जम कर जंग करेंगे हमसब
जाति-धरम से अलग-थलग जो
उनको संग करेंगे हमसब
दुनिया बदलेगी रे भाई
जायेंगे ये दिन दुखदाई
करनी होगी बड़ी लड़ाई
पूरी बस्ती है हरजाई
धारा तेज रखो जीवन में
वरना जम जाएगी काई