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करने को' न कुछ काम रह गया / रंजना वर्मा

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करने को' न कुछ काम रह गया
दुनियाँ में' फ़क़त नाम रह गया

जो छोड़ गया सत्य की डगर
हो कर यहाँ बदनाम रह गया

अपने ही ' वास्ते जिया किया
इंसान वो' बेनाम रह गया

छूटी वहाँ पतवार हाथ से
दो हाथ लबे बाम रह गया

चाहत की फेहरिस्त थी बड़ी
मिलना मगर ईनाम रह गया

वो लूट गया इस क़दर हमे
बस पास एक छदम रह गया

चुकता किया हिसाब था सभी
अब कैसा ये अंजाम रह गया