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करबै याँहीं काम हो / ब्रह्मदेव कुमार

Kavita Kosh से
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सब्भैं मिली-जुली करबै याँहीं काम हो।
गारंटी रोजगार में ना॥

आबेॅ नै जैतै बलम परदेश
सूनोॅ नै होतै सजनी के सेज।
खेलबै होली-दीवाली, साथैं परिवार में॥
गारंटी रोजगार में ना॥
आबेॅ नै रहतै बेरोजगारी,
आरो नै रहतै भूख-बिमारी।
सब्भे हाथोॅ केॅ मिलतै काम, गाम्हैं-दिगार में।
गारंटी रोजगार में ना॥
ग्राम सेवक लग हम्हूँ जैबै,
नाम आपनों दर्ज करैबै।
आपनों गाँमोॅ के विकास करैबै, ई सरकार में।
गारंटी रोजगार में ना॥
गामोॅ के सड़क-नाला बनतै,
पोखर डाँड़ बाँध खोदैतै।
वृक्षारोपण होतै, पर्यावरण सुधार में।
गारंटी रोजगार में ना॥
आपनोॅ खेती-गृहस्थी करबै,
रोपनी कटनी बन्हीं समेटबै।
बहियारी में करबै काम ई रोजगार में।
गारंटी रोजगार में ना॥