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कराता भगवान है / 1 / चित्रभूषण श्रीवास्तव 'विदग्ध'
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सुनो बच्चो। तुम मत करो कोई बुराई
बुराई से बढती है जग में लडाई
गड़ी फाँस मन में तो मतभेद होते
मतभेद होते तो होती जुदाई
बदल जाते व्यवहार आपस में सबके
नहीं साथ रह पाते हैं भाई भाई
उचित मान सम्मान जब होता सबका
तो हर एक के मन में उपजती भलाई
मन को भी खुद शांति मिलती है तब ही
किसी के लिये खोदी जाये न खाई
खुशी और उत्साह से हो जो सहयोग
कठिनाई कोई तो कभी आ न पायी
मन में अगर सबकी शुभ कामना हो
तो दिखती न ओैरों में कोई बुराई
इससे सम्हल के चलो राह अपनी
जिससे हो खुद की ओैं सबकी भलाई
यही रीति सीधी औं सच्ची है सबसे
जो देती सुख शांति सबको हे भाई