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करु भवसागर पार हे जननी करु भवसागर पर / मैथिली
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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करु भवसागर पार हे जननी करु भवसागर पर
के मोरा नईया के खेवैया के उतारत पार हे जननी
अहीं मोरा नइया अहीं खेवैया अहीं उतारब पार हे जननी
के मोरा माता के पिता के सहोदर भाई हे जननी
अहीं मोरा माता अहिं मोरा पिता अहिं सहोदर भाइ हे जननी
यह गीत श्रीमती रीता मिश्र की डायरी से