कर्जे दाखिल दे लाला मन्नै पूरे पांच सै 
ब्याह करणा कम्मों बेटी मेरी हुई जवान स 
करै दया दे दिए मांगू आज रूपये मैं 
ब्याह म्हं चाहिए ना मांगू आज रूपये मैं 
छटे महीन दे दयूंगी तेरे ब्याज रूपये मैं 
आपणी तेरी नहीं बिगाडूं ल्हाज रूपये मैं 
ना पुग्गे तो खोस लिए जो मेरा मकान सै 
ना काफी जायदाद मेरै चाहे लिखवा ले लाला 
जोणसे सैं तेरे मुनीम भेज कै दिखवा ले लाला 
बही मंगा के अंगुठा मेरा टिकवा ले लाला 
उतरी जा सै इज्जत तेरी रखवा ले लाला 
जिंदगी भर ना भूलूं यो तेरा जब अहसान सै 
पांच सात दस दिन म्हं ब्याह मन्नै करणा कम्मों का 
फिक्का लागिअ बालम बिन सिंगरणा कम्मों का 
मेरै सिर तैं चाहिए फरज उतरणा कम्मों का 
बिना पति ना गति सहम हो मरणा कम्मों का 
बिन बालम कम्मों की जिंदगी हुई बिरान सै 
अठारा साल की बेटी घरां कंवारी कम्मों सै 
ब्यास कहे बिन बालम दुखी विचारी कम्मों सै 
कामदेव न तंग करी दुख ठाहरी कम्मों सै 
बेट्यां तैं भी ज्यादा बेटी प्यारी कम्मों सै 
“रामकिशन” नारनौं दिए यो मेरा सही अलान सै