भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कलीम आजिज़ / परिचय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कलीम आजिज़

परिचय : असली नाम : कलीम अहमद जन्म :11 अक्तूबर 1924, तेलहाड़ा (जिला पटना) में हुआ। शिक्षा : पटना विश्वविद्यालय से र्दू साहित्य के विकास पर पीएचडी सेवा : 1964-65 में पटना कालेज में लेक्चरर हुए और 1986 में सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान समय में बिहार सरकार, उर्दू मुशावरती कमिटी के अध्यक्ष थे । सृजन : मजलिसे अदब (आलोचना); वो जो शाइरी का सबब हुआ, जब फसले बहाराँ आई थी(ग़ज़ल संग्रह); फिर ऐसा नज़ारा नहीं होगा, कूचा-ए जानाँ जानाँ (ग़ज़लों एवं नज़्मों का संग्रह); जहाँ ख़ुशबू ही ख़ुशबू थी, अभी सुन लो मुझसे (आत्मकथा); मेरी ज़बान मेरा क़लम (लेखों का संग्रह, दो भाग); दफ़्तरे गुम गश्ता (शोध); दीवाने दो, पहलू न दुखेगा (पत्रों का संग्रह); एक देश एक बिदेसी (यात्रा-वृत्तान्त, अमेरिका); यहाँ से काबा-काबा से मदीना (यात्रा-वृत्तान्त, हज) इसके अलावा मो. जाकिर हुसैन के संपादन में उनकी शायरी का संकलन दिल से जो बात निकली ग़ज़ल हो गई शीर्षक से हिंदी में प्रकाशित । सम्मान : पद्म श्री 1989, भारत सरकार; इम्तियाज़े मीर, कुल हिंद मीर अकादमी, लखनऊ; अल्लामा, मशीगन उर्दू सोसाइटी, अमेरिका; अल्लामा, तिलसा लिटरेरी सोसाइटी, अमेरिका; प्रशंसा पत्र, मल्टी कल्चरल कौंसिल आफ ग्रेटर टोरंटो; प्रशंसा पत्र, उर्दू कौंसिल आफ कनाडा; मौलाना मज़हरुल हक़ पुरस्कार, राज्य भाषा, बिहार सरकार; बिहार उर्दू अकादमी पुरस्कार। निधन : 15 फ़रवरी 2015 हज़ारीबाग़ झारखंड में. पटना के समनपुरा क़ब्रिस्तान में सुपुर्द-ख़ाक । )