भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कलेजा / सपन सारन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक कलेजा पड़ा है थाली पर
लथपथ ख़ून से
अभी-अभी मर गया कोई
और ज़िन्दा छोड़ गया इसे ।

अब ज़िन्दा कलेजे का क्या होगा ?
मूर्ख कहीं का ! मरा क्यूँ नहीं !

तभी OLX पर बोली लग गई
— ‘सेकण्ड-हेण्ड’ कलेजा उपलब्ध
— मुफ़्त डिलीवरी
— एकदम नए जैसा
— आज ही ऑर्डर करें
— और पाएँ 10% की छूट !

पाँच मिनट में कलेजा बिक गया ।

देनदार तृप्त !
लेनदार ख़ुश ।

— और कलेजा ?
कलेजा बिकाऊ !