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कल ही मैं सोच रहा था / विष्णु नागर
Kavita Kosh से
आज मैंने पाया
मैं क्या हूँ
कल ही मैं सोच रहा था
मैं क्या हूँ
कितनी जल्दी हर कर लिया सवाल
छुट्टी तेरी रामगोपाल।