भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कवने बने सिरिजले री जोड़ी रे हथिया / भोजपुरी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कवने बने सिरिजले री जोड़ी रे हथिया, कवने बने सिरिजे मयोर।
कवने बने सिरिजल री हंस चकेउववा, अब दूनू जोड़ी कवने बने गरजी रहे।।१।।
कारी बन सिरिजले री जोड़ी हथिया, लाली बने सिरिजे मयोर।
भला देस सिरिजे ले हंस चकेउवा, अब दूनू जोड़ी कवने बने गरजी रहे।।२।।