भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कविता के सिवाय / पुरूषोत्तम व्यास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जब मन लायक बात होती
कविता सूझती
जब किसी बात से आहत होता
कविता सूझती
मेरे लिऐ और कोई चीज ज़रूरी नही
कविता के सिवाय