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कविता में वह शक्ति तो हो / भारत यायावर

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कविता में
वह शक्ति तो हो

जो आकर्षित कर सके
किसी के हृदयतल में बैठकर
उसकी पुकार का स्वर बने

किसी दुखिया के होठों पर
मुस्कान ला सके

थका-मान्दा आदमी
उसके साथ होकर हलका हो सके