भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कवि / हुम्बरतो अकाबल / यादवेन्द्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कवियों की जमात
पैदा तो होती है
बुड्ढी

पर
सालों साल के दरम्यान
हम खुद को
बना लेते हैं
निहायत बच्चा।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र