भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कहँवा जाईं? / रामरक्षा मिश्र विमल
Kavita Kosh से
पूस माघ जब तवे तपावे
फागुन बरिसे मेघ
कहऽ तब कहँवा जाई ?
हँसि हँसि के बतिया के हमरा
हियरा माँझ समाके हमरा
सधियन के अहड़ा सुनगावे
घर में मारे सेंध
कहऽ तब कहँवा जाई ?
मधुर बचन नयनन चतुराई
प्रॉमिस कइ पूँजी फँसवाई
सॉरी के संदेश पठावे
गरदन दे जब रेत
कहऽ तब कहँवा जाई ?
फोन करीं स्विच ऑफ देखावे
घर पर दू ताला लटकावे
पइसा ले रोजे दउरावे
करे न कबहूँ भेंट
कहऽ तब कहँवा जाई ?