Last modified on 3 अप्रैल 2020, at 13:47

कहर हो गया / राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रदूषण का इतना असर हो गया।
सांस लेना भी अब तो ज़हर हो गया॥

कभी नाम उनका बुलंदी पर था।
है बदनाम सारा शहर हो गया॥

शहर में रहा था अमन चैंन भी।
ज़ालिमों का जो बढ़ता कहर हो गया॥

देखना एक दिन तो झुकेंगे वहीं।
प्यार का मेरे इतना असर हो गया॥

इमान दुनिया से क्या उठ गया।
"राना" बदमाश कितना बशर हो गया॥