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कहवाँ के सेनुरिया सेनुर बेचे आयल हे / मगही
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मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कहवाँ<ref> किस स्थान, कहाँ</ref> के सेनुरिया<ref>सिन्दूर बेचने वाला</ref> सेनुर<ref>सिन्दूर</ref> बेचे आयल हे।
कहवाँ के बर कामिल<ref>काबिल, होशियार</ref> सेनुर बेसाहल<ref>खरीदा</ref> हे॥1॥
कवन पुर के सेनुरिया सेनुर बेचे आयल हे।
कवन पुर के बर कामिल, सेनुर बेसाहल हे॥2॥
शब्दार्थ
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