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कहाँ का सवदागर लिए जा है जी अम्माँ / मगही
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मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कहाँ का सवदागर<ref>सौदागर, व्यापारी</ref> लिए जा है<ref>जा रहा है</ref> जी अम्माँ।
पतली कमरिया छुरिया<ref>चिकने और लंबे-लंबे</ref> बाल है जी अम्माँ।
अम्माँ, कहाँ का सवदागर लिए जा रहा है जी अम्माँ॥1॥
दादी सब दादी बीबी, मुख देखें हैं जी अम्माँ।
घूँघट खोले हैं जी अम्माँ।
पतली कमरिया छुरिया बाल है जी अम्माँ।
अम्माँ, कहाँ का सवदागर लिए जा रहा है जी अम्माँ।
कहाँ का बनजारा<ref>व्यापारी</ref> लिए जा हैं जी अम्माँ॥2॥
शब्दार्थ
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