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कहियो नै नारीं कहै घरोॅ मंे दीवार दहौ / अनिल शंकर झा
Kavita Kosh से
कहियो नै नारीं कहै घरोॅ मंे दीवार दहौ
कहिया नै कहै कि तों मानोॅ ई लाचारी केॅ
कहियो नै कहै छै कि होल्हौ तोरो हार आरोॅ
कहियो नै कहै छै कि बैठोॅ मोॅन मारी
अचरा में फूल आरो मनमा में शूल लेनेॅ
बारी दै छै ममता में दुःख सें उबारी केॅ।
कहियो नै कहै छै कि हमरो पे ध्यान राखोॅ
आपनो विकास करेॅ जीवन सँवारी केॅ॥