भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कहियो सुसरा जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै / हरियाणवी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कहियो सुसरा जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै
ऐठक बेचे, बैठक बेचे, दुकान बेच मंगा दे
मेरा दिल खट्टे बेरां नै
मेरे पेट में नरवर गढ़ में आला झाला
मोटी मोटी अंखिया झीणा सुरमा बेर ही बेर पुकारे
मेरा दिल खट्टे बेरां नै
कहियो देवर जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै
बस्ता बेचे, पट्टी बेचे, पोथी बेच मंगा दे
मेरा दिल खट्टे बेरां नै
मेरे पेट में नरवर गढ़ में आला झाला
मोटी मोटी अंखिया झीणा सुरमा बेर ही बेर पुकारे
मेरा दिल खट्टे बेरां नै