भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कहीं नफ़रत सुलगती तो कहीं पर प्यार को देखा / रंजना वर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

कहीं नफरत सुलगती तो कहीं पर प्यार को देखा।
कहीं अर्थी सजी देखी कहीं त्यौहार को देखा॥

चले थे हम लिए नैया लहरती शांत लहरों में
अचानक सामने आयी हुई मझधार को देखा॥

विधाता तो लुटाता है सदा भरती रहे झोली
बरसते हाथ से उस के सदा उपकार को देखा॥

जरा-सा दुख मिले तो आँख से आँसू बरस जाते
फ़क़त कुछ को यहाँ करते हुए प्रतिकार को देखा॥

छुपेआतंकवादी आज हर घर हर मोहल्ले में
मचा हर ओर हमने सिर्फ़ हाहाकार को देखा॥

करें जिह्वा अगर मीठी कटें सब वैर के बंधन
यहाँ हर बात पर बढ़ती हुई तक़रार को देखा॥

चला आ साँवरे जग को बहुत तेरी ज़रूरत है
यहाँ हर ओर हमने शत्रु के संचार को देखा॥