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कहू की बात हम मानि‍नि‍ / शिव कुमार झा 'टिल्लू'

कहू की बात हम मानि‍नि‍ कलुष भऽ गेल अछि‍ अर्पण
कोना सहबै अखल कंटक दबै छै टीसतर तर्पण

सोहाबै नै खुशी सरगम समाजक हास परि‍लक्षि‍त
धुनै छी देल कालक गति‍ गदराबै नै वि‍कल जीवन

पति‍त नि‍यति‍ आकुल भेलै जड़ल अर्णव तरंगे छै
सूतल ईश सभ पंथक एलै समभावमे वि‍चलन

बाहरसँ जे जत्ते गुमसुम हि‍आसँ ओ ओते बि‍खधर
चानन बहलै उषाकाले वाह रौ जहानक संकर्षण

भेटल जेकरा जतऽ अवसरि‍ हाथ धोलक हलालीसँ
नीति‍क मंचपर चढ़ि‍ते करै माटि‍ नेह प्रति‍ गर्जन