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कहो / रमेशचन्द्र शाह
Kavita Kosh से
हवा से कहो
तुम्हारे खालीपन भरे
अंधेरे से कहो
तुम्हे नदी पार कराये
आसमान से कहो
तुम्हें मकान ढूंढ दे
सड़कों से कहो
तुम्हे काम पर लगा दे
शब्दों से कहो
..........
नहीं !
शब्दों से
कुछ मत कहो