भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कह दो धन से बल से शोहरत हासिल करने वालों से/ विनोद तिवारी
Kavita Kosh से
कह दो धन से बल से शोहरत हासिल करने वालों से
नव युग का इतिहास लिखेंगे बाकी लोग कुदालों से
बड़ी-बड़ी चीज़ों के दावेदार बन गए बड़े-बड़े
जूझ रहा है आम आदमी अब तक आम सवालों से
आँख बदल कर पलट पड़े तो एक कहर
मजबूरी में जो करवा लो भूखे नर-कंकालों से
छोटे-से दीपक के मन में यह विश्वास सबलतम है
अँधियारा क्या जीत सकेगा अंतिम युद्ध उजालों से